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साहित्यकार-समाजसेवी नेमचंद गहलोत की श्रद्धांजलि सभा में कई अनछुए पहलुओं पर भी हुई बात

RNE Bikaner.

समाजसेवी, साहित्यकार नेमचंद गहलोत के निधन पर गुरुवार को बीकानेर के महाराजा नरेंद्र सिंह ऑडिटोरियम श्री जुबिली नागरी भण्डार में शोक-श्रद्धांजलि सभा रखी गई।

समाजसेवी, साहित्यकार नेमचंद गहलोत

नागरी भण्डार पाठक मंच की तरफ से आयोजित श्रद्धांजलि सभा में साहित्यकारों,कलाधर्मियों,समाज सेवियों एवं अन्य क्षेत्र से जुड़े प्रबुद्धजनों ने नेमचंद गहलोत को शब्दांजलि-श्रद्धांजलि अर्पित की।

  • श्री जुबिली नगरी भण्डार के व्यवस्थापक नंदकिशोर सोलंकी ने नेमचंद गहलोत को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके जीवन के अनेक अनछुए पहलू साझा किये। सोलंकी ने कहा कि ईमानदारी एवं लगन से काम करने में उनका कोई सानी नहीं था। उनके जैसा व्यक्तित्व मिलना बहुत मुश्किल है।
  • वरिष्ठ कवि कथाकार कमल रंगा ने कहा कि वे महान व्यक्तित्व के धनी होने के साथ साथ सभी के साथ आत्मीयता का भाव रखते थे।
  • वरिष्ठ उर्दू शायर ज़ाकिर अदीब ने कहा कि वे प्रचार प्रसार से दूर रहने वाले अदब नवाज़ शख्सियत थे।

  • शायर कहानीकार क़ासिम बीकानेरी श्रद्धांजलि कार्यक्रम का संयोजन करते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि पेश करते हुए कहा कि वे साहित्य संगीत, कला एवं समाज सेवा के सच्चे पोषक थे। वे दृढ निश्चयी एवं कौमी एकता के अलमबरदार थे।
  • समाजसेवी का डॉ. प्रभा भार्गव ने कहा कि उनका जीवन संघर्षपूर्ण था।
  • युवा कवि कथाकार संजय पुरोहित ने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व की अनेक खूबियों को सामने रखते हुए उन्हें निस्वार्थ समाजसेवी,लग्नशील उद्योगपति एवं साहित्य तथा कला के प्रति समर्पित व्यक्तित्व बताया।
  • शिक्षाविद संस्कृतिकर्मी संजय सांखला ने कहा कि वे आन, बान, शान रखने वाली शख्सियत थे। वरिष्ठ कवि कथाकार प्रमोद कुमार शर्मा ने कहा कि वे एक संत कवि थे।

इस्हाक़ ग़ौरी शफ़क़, जुगल किशोर पुरोहित, डॉ.कृष्ण लाल बिश्नोई, एडवोकेट गंगा विशन बिश्नोई, व्यंग्यकार खेल लेखक आत्माराम भाटी, कवि लीलाधर सोनी, एडवोकेट इसरार हसन कादरी, मधुरिमा सिंह, डॉ.गौरी शंकर प्रजापत, अब्दुल शकूर सिसोदिया, डॉ. अजय जोशी, कमल किशोर पारीक, गिरिराज पारीक, हास्य कवि बाबूलाल छंगाणी बमचकरी, हनुमंत गौड़, रंग अभिनेत्री मीनू गौड़ सहित साहित्य, समाज सेवा,कला एवं विभिन्न क्षेत्रों के अनेक प्रबुद्धजन उपस्थित थे।

श्रद्धांजलि सभा के अंत में 2 मिनट का मौन रखकर ईश्वर से स्वर्गीय नेमचंद गहलोत की आत्मा को शांति देने की प्रार्थना की गई। अंत में समस्त आगंतुकों द्वारा स्वर्गीय नेमचंद गहलोत के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई।